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Warning: file_put_contents(aCache/aDaily/post/itihaas/--): Failed to open stream: No such file or directory in /var/www/group-telegram/post.php on line 50 सच्चा इतिहास | Telegram Webview: itihaas/43 -
शेरशाह ने 1544 में कलिंजर के क़िले का घेरा डाला जहाँ बम फेंकने की आज़माइश में शेरशाह अपने ही बम के ज़ख़ीरे में लगी आग का शिकार हो गए। शेरशाह ने उसी जली हुई हालत में अपने एक जनरल ईसा ख़ाँ को तलब किया और हुक्म दिया कि उनके ज़िंदा रहते ही क़िला फ़तह कर लिया जाए। ईसा ख़ाँ ने ये सुनते ही क़िले पर यल्ग़ार बोल दिया। 22 मई 1545 को शेरशाह को क़िला फ़तह की ख़बर मिली। ख़बर सुनकर जलने की तकलीफ़ में भी उनके चेहरे पर ख़ुशी और संतोष के भाव उभर आए। चंद लम्हों बाद उन्होंने अपने आख़िरी अल्फ़ाज़ कहे, 'या ख़ुदा, मैं तेरा शुक्रगुज़ार हूँ कि तुने मेरी आख़िरी ख़्वाहिश पूरी कर दी।' और यह कहते ही उनकी आँखें हमेशा के लिए बंद हो गईं। आज भी उनका मकबरा सहसाराम बिहार में मौजूद है।। नाज़ है ऐसे शुरवीर पर। 💐🇮🇳🙏🇮🇳💐 जय हिन्द
शेरशाह ने 1544 में कलिंजर के क़िले का घेरा डाला जहाँ बम फेंकने की आज़माइश में शेरशाह अपने ही बम के ज़ख़ीरे में लगी आग का शिकार हो गए। शेरशाह ने उसी जली हुई हालत में अपने एक जनरल ईसा ख़ाँ को तलब किया और हुक्म दिया कि उनके ज़िंदा रहते ही क़िला फ़तह कर लिया जाए। ईसा ख़ाँ ने ये सुनते ही क़िले पर यल्ग़ार बोल दिया। 22 मई 1545 को शेरशाह को क़िला फ़तह की ख़बर मिली। ख़बर सुनकर जलने की तकलीफ़ में भी उनके चेहरे पर ख़ुशी और संतोष के भाव उभर आए। चंद लम्हों बाद उन्होंने अपने आख़िरी अल्फ़ाज़ कहे, 'या ख़ुदा, मैं तेरा शुक्रगुज़ार हूँ कि तुने मेरी आख़िरी ख़्वाहिश पूरी कर दी।' और यह कहते ही उनकी आँखें हमेशा के लिए बंद हो गईं। आज भी उनका मकबरा सहसाराम बिहार में मौजूद है।। नाज़ है ऐसे शुरवीर पर। 💐🇮🇳🙏🇮🇳💐 जय हिन्द
BY सच्चा इतिहास
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The account, "War on Fakes," was created on February 24, the same day Russian President Vladimir Putin announced a "special military operation" and troops began invading Ukraine. The page is rife with disinformation, according to The Atlantic Council's Digital Forensic Research Lab, which studies digital extremism and published a report examining the channel. In December 2021, Sebi officials had conducted a search and seizure operation at the premises of certain persons carrying out similar manipulative activities through Telegram channels. I want a secure messaging app, should I use Telegram? "He has kind of an old-school cyber-libertarian world view where technology is there to set you free," Maréchal said. Groups are also not fully encrypted, end-to-end. This includes private groups. Private groups cannot be seen by other Telegram users, but Telegram itself can see the groups and all of the communications that you have in them. All of the same risks and warnings about channels can be applied to groups.
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